झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “मंईयां सम्मान योजना” के जरिए राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की कोशिश की जा रही है। इस योजना के तहत हर लाभार्थी महिला को 2500 रुपए प्रतिमाह की सहायता दी जा रही है, जिससे उनकी घरेलू ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। अप्रैल तक सरकार ने हजारों महिलाओं के खाते में 7500 रुपए की तीन महीने की एकमुश्त राशि भी भेजी, लेकिन अब इस योजना में एक बड़ा अपडेट सामने आया है।
मुसाबनी प्रखंड में लगभग 2500 महिलाओं को यह राशि नहीं मिली है, जिसकी वजह से वे बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रही हैं। कई महिलाएं तो रोते हुए भी पाई गईं क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सरकार की ओर से मिलने वाली मदद से उनका जीवन थोड़ा आसान होगा। लेकिन तकनीकी खामियों, साइट बंद होने और दस्तावेज़ी जांच में देरी की वजह से उन्हें अभी तक लाभ नहीं मिल पाया है।
मुसाबनी की 2500 महिलाएं योजना से क्यों छूट गईं?
मुसाबनी प्रखंड में सामने आई इस बड़ी चूक का सबसे बड़ा कारण तकनीकी और प्रशासनिक गड़बड़ियां हैं। कई महिलाओं के नाम तो लाभार्थी सूची में शामिल थे, लेकिन पंचायत स्तर पर उनका सही से सत्यापन नहीं हो पाया। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन महिलाओं का सत्यापन अब तक नहीं हुआ है, उनका डाटा केंद्र को नहीं भेजा गया, और इसी वजह से उनकी राशि होल्ड कर दी गई है।
यह भी सामने आया है कि प्रखंड कार्यालय के अधिकारी योजना की साइट को खोलने में असमर्थ हैं, क्योंकि वह या तो तकनीकी गड़बड़ी की वजह से खुल नहीं रही है या फिर लॉगिन सिस्टम में दिक्कत आ रही है। जब महिलाएं शिकायत लेकर पहुंचती हैं तो उन्हें निराशा हाथ लगती है।
इस स्थिति से न सिर्फ महिलाएं परेशान हैं बल्कि पंचायत सचिव और मुखिया भी चिंता में हैं क्योंकि उन्हें भी बार-बार जिला से निर्देश मिल रहे हैं लेकिन काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा। अगर ये प्रक्रिया मई की तय तारीख तक पूरी नहीं हुई, तो अगली किस्त भी लटक सकती है।
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सत्यापन और आधार सीडिंग में देरी बना वजह
योजना से वंचित होने का एक अहम कारण यह भी है कि जिन महिलाओं का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, उन्हें किसी भी स्थिति में राशि नहीं दी जा सकती। सरकार की ओर से पहले ही यह साफ किया जा चुका है कि अप्रैल 2025 से सिर्फ वही महिलाएं योजना का लाभ ले सकेंगी जिनका एक ही बैंक खाता आधार से लिंक होगा।
सत्यापन का जिम्मा पंचायत सचिव और मुखिया को सौंपा गया है, जिन्हें सूची के हर नाम को जांच कर जिला कार्यालय में भेजना है। लेकिन कई जगहों पर इस प्रक्रिया में देरी हो रही है, और नतीजा यह है कि महिला लाभार्थियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है।
इसके अलावा कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिनके दस्तावेज़ों में त्रुटि है – जैसे नाम में स्पेलिंग की गलती, जन्मतिथि में अंतर या आधार-बैंक डिटेल में मेल न होना। इन मामलों में स्वत: ही लाभ होल्ड पर चला जाता है और तब तक राशि नहीं भेजी जाती जब तक सुधार नहीं हो जाता।
कब तक मिलेगा पैसा और क्या करें महिलाएं?
सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अप्रैल की किस्त मई के पहले हफ्ते में भेजी जाएगी, लेकिन इसका लाभ सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जिनकी सभी जानकारियाँ सही और आधार लिंक्ड होंगी। जिला प्रशासन की कोशिश है कि 5 मई 2025 तक हर योग्य महिला को राशि मिल जाए।
अगर आपने अभी तक अपने दस्तावेज़ों का सत्यापन नहीं करवाया है या बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, तो तुरंत नजदीकी CSC केंद्र या बैंक में जाकर सीडिंग करवा लें। साथ ही अपने पंचायत सचिव से संपर्क कर लें कि आपका नाम सूची में ठीक से चढ़ा है या नहीं।
महिलाएं चाहें तो महिला बाल विकास विभाग की हेल्पलाइन से भी संपर्क कर सकती हैं या जिला कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करा सकती हैं। ध्यान रखें कि शिकायत दर्ज करवाने के बाद एक रिसीविंग ज़रूर लें ताकि आपको भविष्य में उसका रिकॉर्ड मिल सके।